बुध आदित्य राजयोग सूर्य देव और बुध देव की युति से बनता है पर यह राजयोग आपको अच्छे परिणाम तब ही देगा जब बुध देव अस्त ना हो क्योकि सूर्य देव के पास कोई गृह ज्यादा आ जाए तो सूर्य देव उस गृह को अस्त कर देते है।
अगर यह राजयोग आपकी कुंडली में बन रहा है तो आपको आपके जीवन में बोहोत मान सम्मान मिलेगा ,धन के अच्छे योग बनेंगे और किसी भी प्रकार की कमी आपके जीवन में नहीं रहेगी , यह राजयोग बोहोत ही बड़ा राजयोग है चारो दिशाओ में आपकी ख्याति यह राजयोग बना देता है।
अगर आपकी कुंडली में यह राजयोग है और बुध देव कमजोर इस्थिति में है भले ही अस्त हो कर या फिर डिग्री के अनुसार कमजोर हो कर तो आप बुध देव का पन्ना रत्न धारण कर सकते है और 4 मुखी रुद्राक्ष भी धारण कर सकते है बुध देव की पावर को बढ़ाने के लिए ,और सूर्य देव डिग्री के अनुसार कमजोर है या फिर ग्रहण दोष बन रहा है इस युति के साथ में ही तो आप सूर्य देव का रत्न माणिक्य धारण कर सकते है और 1 मुखी या 12 मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है पर एक बात का विशेष ध्यान रखे की यह युति कुंडली के त्रिक भाव में ना बन रही हो और ना ही सूर्य देव और बुध देव में से कोई भी एक गृह नीच का हो , नहीं तो यह उपाय उलटे पड़ जाएंगे और आपको नेगेटिव रिजल्ट मिलेगा।
अगर आपको ज्योतिष का ज्ञान है और आप इन बातो को समझ पा रहे है तो ठीक है नहीं तो एक बार कुंडली का विश्लेषण करवा कर ही उपाय करे ,इससे कोई शंका वाली बात नहीं रहेगी और आपको फिर यह राजयोग सकारात्मक परिणाम देगा।