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अगर आप भी राशि के अनुसार रत्न धारण कर रहे हे तो थोड़ा रुकिए और इस पोस्ट को पूरा पढ़िए । If you are also wearing gems according to the zodiac, then wait a bit and read this post completely.

राशि रत्न यह नाम बोहोत प्रचलन में है और लोगो के मन में यह धारणा बन जाती है की रत्न हमे राशि के अनुसार धारण करना चाहिए लेकिन यह बात बिलकुल गलत है , चंद्र देव कुंडली में जिस राशि में बैठे होते है वही हमारी राशि होती है और इसे चंद्र राशि के नाम से भी जाना जाता है दूसरी राशि होती है लग्न राशि जो लग्न कुंडली के पहले घर में आती है, पर गलत जानकारी या धारणा के कारन हम राशि के अनुसार रत्न धारण कर लेते है , अब मान लीजिये की चंद्र देव मेष लग्न कुंडली में ६ हाउस में कन्या राशि में बैठे है और उस राशि के देवता है बुध देव तो आप सोच लेंगे की पन्ना रत्न धारण कर लेना चाहिए क्योकि मेरी राशि कन्या है और उसके देवता है बुध देव लेकिन यही आपकी सबसे बड़ी भूल होगी क्यों की ६ हाउस रोग , ऋण ,शत्रु ,दुर्घटना का घर है अब आप ही बताए इस घर को रत्न से एक्टिवटे करने पर आपके साथ क्या क्या होने लग जाएगा इसलिए रत्न धारण करने से पहले पूरी कुंडली का अच्छे से अध्यन करना अति आवश्यक है अन्यथा रत्न के नकारात्मक रिजल्ट भी मिल सकते है।

If you are also wearing gems according to the zodiac, then wait a bit and read this post completely.
Rashi Ratna This name is very much in vogue and in the minds of the people, it becomes a belief that we should wear gems according to the zodiac, but this thing is absolutely wrong, the zodiac in which the moon god is sitting in the horoscope is our zodiac and It is also known as Chandra Rashi.
Now suppose that Moon God is sitting in Virgo in the 6th house in Aries ascendant horoscope and the deity of that zodiac is Mercury, then you will think that emerald gem should be worn because my zodiac is Virgo and its deity is Mercury, but that’s it. Your biggest mistake will be because 6th house is the house of diseases, debts, enemies, accidents, now you tell what will happen to you if you activate this house with a gemstone, so before wearing a gemstone, study the entire horoscope thoroughly. It is very important to do otherwise negative results of gems can also be found.

According to astrology, even after taking the remedy, you do not get the benefit, why? ज्योतिष विज्ञानं के अनुसार उपाय करने पर भी लाभ नहीं मिल पाता है ऐसा क्यों ?

हमारे जन्म के समय के गृह हमारे पिछले जन्म से जुड़े होते है।
और अगर कुंडली में ग्रहो की इस्थिति सही नहीं है तो ज्योतिष विज्ञानं के उपाय से लाभ मिलने में समय लग जाता है वैसे जिनके गृह अच्छे है वो ज्योतिष के पास जाते ही नहीं क्योकि उनके जीवन में कोई बड़ी समस्या होती ही नहीं है लेकिन यह बात हो रही है उन लोगो की जिनके कुंडली म गृह सही नहीं है और उपाय के बाद भी जिन्हे लाभ नहीं मिल पा रहा, उसके पीछे का कारन है उनके कर्म।
अगर कुंडली में गृह अच्छे नहीं है और हमारे कर्म भी बुरे है जैसे नशा करना , घुम्रपान करना और लोगों क साथ बुरा व्यव्हार करना , धोका देना , बेईमानी करना ,इनसे भी उपाय का लाभ नहीं मिल पाता है लेकिन सबसे बुरा है मासाहार का सेवन करना जिससे तो इस जन्म क पुण्य कर्म का फल मिलना तो दूर की बात है पिछले जन्म के पुण्य कर्म भी कट जाते है आप स्वम् सोचिये हम सुख की इच्छा और तरक्की क लिए उपाय कर रहे है और हमे किसी के जान की जरा सी फिक्र नहीं।

The houses at the time of our birth are associated with our previous births.
And if the position of the planets in the horoscope is not correct, then it takes time to get benefit from the remedies of astrology, although those whose houses are good, they do not go to astrology because there is no big problem in their life but this is the point. It has been the case of those people whose house is not correct in their horoscope and even after the remedy, those who are not getting the benefit, the reason behind it is their karma.
If the house is not good in the horoscope and our karma is also bad like intoxication, smoking and bad behavior with people, cheating, dishonesty, even these do not get the benefit of the remedy but the worst is to consume non-vegetarian food. Due to which it is a far-fetched thing to get the fruits of the virtuous deeds of this birth.

बीज मंत्र करते समय होने वाली अनुभूति

जब हम बीज मंत्र करना शुरू करते है तब हमे कुछ अनुभूतिया होती है जैसे आँखों में आंसू आना या आंखे नम हो जाना या फिर उबासी आना या ऐसा भी होता है की नींद सी आने लगती है कभी कभी तो ऐसा लगता है जैसे शरीर पर चीटिया चल रही हो या फिर शरीर में झनझनाहट होती है जैसे वाइब्रेशन हो रहे हो यह सब स्वाभाविक बाते है जो होती है क्योकि उस समय नकारात्मक ऊर्जा शरीर से बाहर निकलती है या मंत्रो की सकारात्मक शक्ति का विरोध करती है पर धीरे धीरे यह सब होना बंद हो जाता है और हमारा मन भी मंत्रो में लगता है और मंत्रो का सकारात्मक परिणाम हमारे जीवन में दिखने लगता है।

दान

1.किसी भी मारक ग्रह का दान उसकी दशा-अंतर्दशा में ही करें

  1. जिस देवता का आप दान कर रहे हैं वह उसके वार को ही करें जैसे मंगल देव का मंगलवार को शनि देव का शनिवार को बृहस्पति देव का गुरुवार को शुक्र देव का शुक्रवार को चंद्र देव का सोमवार को सूर्य देव का रविवार को और राहु और केतु देव का दान शनिवार को किया जाता है
  2. दान की जो लिस्ट है उस में से किसी एक वस्तु का दान आप कर सकते हैं ₹50 तक का हर सप्ताह
  3. दान किसी गरीब या जरूरतमंद इंसान को ही करें

बीज मंत्र के सकारात्मक परिणाम

अगर आप किसी भी देव के बीज मंत्र को करते हैं तो वह ग्रह हंड्रेड परसेंट पावरफुल हो जाएगा और उस ग्रह के आपको सकारात्मक रिजल्ट ही मिलेंगे भले वह ग्रह आपकी कुंडली में योगकारक हो या फिर मारक हो क्योंकि हमारे शास्त्रों के अनुसार ब्रह्मा जी ने बाध्य किया है नौ ग्रहों को कि अगर कोई आपके बीज मंत्र का जाप करता है ,आपको नमन करता है तो उन्हें आप पोजिटिव ही रिजल्ट देंगे

सभी ग्रहों के बीज मंत्र


ॐ ब्रह्म बृहस्पतए नमः – गुरु( बृह.)
ॐ घृणि: सूर्याय नमः – सूर्य देव
ॐ बू° बुधाय नमः – बुद्धदेव
ॐ सोम सोमाय नमः – चंद्रदेव
ॐ शु° शुक्राय नमः – शुक्र देव
ॐ शं शनैश्चराय नमः – शनि देव
ॐ अं अंगारकाय नमः – मंगल देव
ॐ रा° राहवे नमः – राहु देव
ॐ के° केतवे नमः – केतु देव

बीज मंत्र विधि

किसी भी देवता के बीज मंत्र करने की विधि
1.बीज मंत्र आप कहीं भी कर सकते हैं जरूरी नहीं है कि आप घर के मंदिर में बैठकर ही बीज मंत्र का जाप करें
2.बीज मंत्र आप बैठ कर करें और किसी आसन पर बैठकर बीज मंत्र का जाप करें
3.बीज मंत्र करते समय आपका मुख उत्तर दिशा या पूर्व दिशा में होना चाहिए

  1. हो सके तो बीज मंत्र करते समय एक दीपक जलाएं
  2. किसी भी देवता के बीज मंत्र का जाप आपको 1 दिन में 108 बार ही करना है ऐसे आप कितने भी देवताओं के बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं
  3. शनि देव और राहु देव के बीज मंत्र शाम 6 बजे बात करने से ज्यादा अच्छे रिजल्ट मिलते हैं और बाकी सभी ग्रहों के बीज मंत्र दिन में कभी भी कर सकते हैं शाम 6:00 बजे से पहले
  4. बीज मंत्र का जाप आप रुद्राक्ष की माला से कर सकते हैं रुद्राक्ष की माला ही एक ऐसी माला है जिससे आप किसी भी देवता के बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं
  5. जिस देवता के बीज मंत्र का आप जाप कर रहे हैं उसे उसके वार से शुरू करें,,, जैसे सूर्य देव का रविवार से चंद्र देव का सोमवार से बृहस्पति देव का गुरुवार से मंगल देव का मंगलवार से राहु देव और केतु देव का शनिवार से इस तरह
  6. जब आप बीज मंत्र का जाप कर रहे हैं तो अपने पास एक गिलास या लौटे में पानी जरूर रखें और उस दिन के बीज मंत्र करने के बाद उस जल को आप ग्रहण( जल को पीना है) करें

What Is Kundli and How it works | जानें कुंडली के बारे में – कुंडली क्या है और कैसे काम करती है

हिंदू संस्कृति में ज्योतिष विज्ञान का बहुत बड़ा महत्व है हम जब भी कोई शुभ कार्य करने जाते हैं तो उसका मुहूर्त निकलवाते हैं और जीवन में जब उतार-चढ़ाव आते हैं तो उसका भी असर हमारी कुंडली के अनुसार हमारे जीवन पर होता है लेकिन सबसे मुख्य बात यह है कि अगर हम कुंडली में ग्रहों की स्थिति और उनके द्वारा दिए जाने वाले परिणाम को समझ जाएं तो विपरीत दशा में भी हम हमारी परिस्थितियों को सकारात्मक कर सकते हैं

कुंडली में लग्न कुंडली का बहुत अधिक महत्व होता है क्योंकि लग्न कुंडली हमें हमारे जीवन की मुख्य बातें बताती है और हमारी दशाएं हमें जीवन में मिलने वाले परिणाम के बारे में बताती है और वह परिणाम सकारात्मक भी हो सकता है और नकारात्मक भी

लेकिन हम कुंडली के आधार पर नकारात्मक परिस्थिति को भी सकारात्मक कर सकते हैं उसके लिए हमें कुछ उपाय करने होते हैं विधि विधान के साथ में और कभी-कभी ऐसा भी देखा गया है की कुंडली में हमें सकारात्मक ग्रह भी अच्छे परिणाम नहीं दे पाते हैं क्योंकि वह कुंडली में या तो मृत अवस्था में होते हैं या फिल्म वह कमजोर स्थिति में होते हैं ऐसे में हम रत्न और रुद्राक्ष के माध्यम से ग्रहों की पावर को बढ़ाकर सकारात्मक परिणाम प्राप्त कर सकते हैं